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भारतीय कला संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन एवं सांस्कृतिक विकास कार्य किए जाने हेतु दिनांक 02 जुलाई सन् 2000 को स्थापित श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती छत्तीसगढ़ के संस्थापक व अध्यक्ष संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी द्वारा सम्पादित भारतीय शास्त्रीय संगीत से संबंधित मुख्य विषय “सुर लय ताल” नामक पुस्तक में शामिल किए जाने हेतु स्वयं श्री चन्द्रा जी द्वारा श्री श्री रविशंकर गुरुदेव जी के जीवन परिचय को संकलित कर एक संक्षिप्त जीवनी यशगीत के रूप में रचना की गई है , वह इस प्रकार है…*
*श्री श्री रविशंकर गुरुदेव जी की*
(संक्षिप्त जीवनी यशगीत)
श्री श्री रविशंकर गुरुवर जी, आपकी महिमा अपरम्पार।
आर्ट ऑफ लिविंग फाउन्डेशन के संस्थापक हैं जग विस्तार।।
मानवतावादी नेता हैं, सत्य सनातन धर्म विचार।
आध्यात्मिक हैं पावन चिंतन, शत्-शत् वंदन बारम्बार।।
जन्म तिथि वह 13 मई को, सन् उन्नीस सौ छप्पन सुर।
जन्म भूमि है पापनासम, भारत तमिलनाडु तंजावुर।।
पिता श्री वेंकट रत्नम जी, भाषा कोविद ज्ञान प्रसार।
माता श्रीमति विशालाक्षी, रविशंकर के पालनहार।।
दक्षिण भारत से ही की हैं, गुरुकुलीय दीक्षा संस्कार।
विश्वविद्यालय से स्नातक, विषय विज्ञान रूचि अनुसार।।
बचपन से ही विशिष्ट प्रतिभा, चार वर्षीय बालक होशियार।
महर्षि महेश योगी जी से, ज्ञान मिला विद्या भंडार।।
मात्र 17 वर्ष की आयु में, प्राप्त किया भौतिकी ज्ञान।
प्रतिभाशाली योगदान से, किया आकर्षित सबका ध्यान।।
सन् उन्नीस सौ 82 में, दस दिवसीय मौन विस्तार।
कर्नाटक भद्रा नदी तीरे, लयबद्ध सांस क्रिया प्रस्तार।।
आर्ट ऑफ लिविंग फाउन्डेशन, स्थापित कर किया प्रचार।
मानवता सेवा करने को, शिक्षण व्यवस्था का प्रसार।।
सन् उन्नीस सौ सन्तान्बे में, वैश्विक योजना पहले बार।
इंटरनेशनल एसोसिएशन, फार ह्यूमन वैल्यू विस्तार।।
धर्म अध्यात्म और विज्ञान को, एक दूसरे का पूरक मान।
शांति व्यवस्था के प्रयास में, लाखों शिष्यों का योगदान।
जग प्रसिद्ध आप हैं गुरुवर, आपकी महिमा अपरम्पार।
‘शयाम चन्द्र’ को आशीष दीजै, हार्दिक वंदन बारम्बार।।
*रचनाकार -*
संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा
रेलवे काॅलोनी सक्ती, छत्तीसगढ़
संपर्क मो.नं.- 79994 51129.