जेडी न्यूज विज़न….
भारतीय कला संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन एवं सांस्कृतिक विकास कार्य किए जाने हेतु दिनांक 02 जुलाई सन् 2000 को स्थापित श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती छत्तीसगढ़ के संस्थापक व अध्यक्ष संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी द्वारा सम्पादित भारतीय शास्त्रीय संगीत से संबंधित मुख्य विषय “सुर लय ताल” नामक पुस्तक में शामिल किए जाने हेतु स्वयं संगीतज्ञ श्री चन्द्रा जी द्वारा योग ऋषि बाबा रामदेव जी के जीवन परिचय को संकलित कर एक संक्षिप्त जीवनी यशगीत के रूप में रचना की गई है, वह इस प्रकार है…*
*योग ऋषि बाबा रामदेव जी*
(संक्षिप्त जीवनी यशगीत)
योग ऋषि श्री रामदेव जी, हार्दिक वंदन बारम्बार।
प्राचीन योग किया है जागृत, यौगिक महिमा अपरम्पार।।
योगासन सबको समझाया, प्राणायाम का किया प्रचार।
आयुर्वेद को दिया बढ़ावा, माहौल बदल गया संसार।।
जन्म तिथि वह 25 दिसंबर, सन् उन्नीस सौ पैंसठ है।
जन्म भूमि अलि सैयदपुर है, हरियाणा के महेन्द्रगढ़ है।।
पिता श्री राम निवास यादव जी, रामकिशन यादव अवतार।
माता श्रीमति गुलाबो देवी, रामकिशन के पालनहार।।
प्रारंभिक शिक्षा शहजाद पुर से, आठवीं कक्षा पास आधार।
खानपुर गुरुकुल की पढ़ाई, प्रद्युम्न बल्देव से संस्कृत सार।।
युवा से ही सन्यास लेने, छोड़ चले घर कुल परिवार।
योगा प्राणायाम साधना, किया संघर्ष अनेकों बार।।
सन् उन्नीस सौ पंचानबे में, दिव्य योग मंदिर तैयार।
बाबाजी ने ट्रस्ट बनाया, स्थापित कर किया प्रसार।।
सन् दो हजार तीन में बाबा, आस्था टीवी पर विस्तार।
जन-जन में उत्साह जगाया, घर-घर प्राणायाम प्रस्तार।।सन् दो हजार छै में बाबा, महर्षि दयानंद ग्राम हरिद्वार।
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, विभिन्न सेवा प्रकल्प प्रसार।।
विभिन्न टीवी चैनलों पर, भ्रष्टाचार का बंठाधार।
400 लाख करोड़ रुपए, काले धन वापस मांगे सार।।
तब से अब तक कई उपलब्धियां, विविध विधा जाने संसार।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, 21 जून मानें संसार।।
योग से निरोग निश्चित होगा, सबकी भावना सबमें सार।
“श्याम चन्द्र” को सदा दीजिए, कला संस्कृति सुर की धार।।
*रचनाकार -*
संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा
रेलवे काॅलोनी सक्ती, छत्तीसगढ़
संपर्क मो.न.- 79994 51129.