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विशाखापत्तनम, 13 मार्च: : जिला कलेक्टर एम.एन. हरेन्द्र प्रसाद ने कहा कि हमें अपने गुर्दों के स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देना चाहिए, जो हमारे शरीर में रक्त को लगातार शुद्ध करते हैं। गुरुवार को विश्व किडनी दिवस के अवसर पर उन्होंने एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी (एआईएनयू) अस्पताल के तत्वावधान में शहर के आरके बीच पर चेन्नई के कलाकार गंजेंद्रन द्वारा बनाई गई किडनी की मूर्तियों का अवलोकन किया। उन्होंने बताया कि गुर्दे हमारे शरीर में अपशिष्ट को शुद्ध करने का सबसे महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। ऐसे महत्वपूर्ण गुर्दों को यथासंभव स्वस्थ रखना महत्वपूर्ण है। वे कहते हैं कि इसके लिए उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की जरूरत है। वे कहते हैं कि हमारी आंखें यह तो देख सकती हैं कि हमारे शरीर के बाहरी अंग कैसे दिखते हैं, लेकिन हम यह नहीं जानते कि हमारे शरीर के आंतरिक अंग कैसे दिखते हैं। इसीलिए हमें अपने शरीर के आंतरिक अंगों की कार्यप्रणाली के प्रति सदैव सावधान रहना चाहिए। इसके लिए एक निश्चित समयावधि के भीतर आवश्यक चिकित्सा परीक्षण कराना अनिवार्य है। कार्यक्रम में भाग लेने वाले शहर के पुलिस आयुक्त डॉ. शंख ब्रत बागची ने कहा कि उनके गृह राज्य पश्चिम बंगाल में एक कहावत है कि किसी कर का मूल्य तब पता नहीं चलता जब वह देय होता है, बल्कि तब पता चलता है जब वह देय होता है। इसी प्रकार, जब तक गुर्दे अच्छी तरह से काम करते हैं, तब तक व्यक्ति स्वस्थ रहता है, और उनका महत्व तभी पता चलता है जब वे खराब हो जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, व्यक्ति को गुर्दे के स्वास्थ्य के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।
इसी प्रकार, जब तक गुर्दे अच्छी तरह से काम करते हैं, तब तक व्यक्ति स्वस्थ रहता है, और उनका महत्व तभी पता चलता है जब वे खराब हो जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, व्यक्ति को गुर्दे के स्वास्थ्य के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए। विशेष रूप से, वे उच्च रक्तचाप और मधुमेह को पूरी तरह नियंत्रण में रखना चाहते हैं। कार्यक्रम में भाग लेने वाले अस्पताल के मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित सैपले ने कहा कि इस वर्ष विश्व किडनी दिवस इस थीम पर मनाया जा रहा है, “क्या आपकी किडनी स्वस्थ हैं?” गुर्दे की बीमारियों की शीघ्र पहचान की जानी चाहिए और नियमित जांच जैसे सीरम क्रिएटिनिन, अल्ट्रासाउंड परीक्षण, मूत्र परीक्षण आदि के माध्यम से उचित उपचार की तलाश की जानी चाहिए। कार्यक्रम में वीआईएमएस के निदेशक डॉ. रामबाबू, अस्पताल के मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पी. श्रीधर, अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. उदय दीपक गजरे, डॉ. वैष्णवी, अस्पताल के कर्मचारी और अन्य लोग शामिल हुए।