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श्री बांनगढ़ मन्दिर में आयोजित देवी पुजनोत्सव मे शामिल हुई मनकापुर बाजार की सैकड़ों महिलाएं ***

जेडी न्यूज़ विजन **

उत्तर प्रदेश गोंडा***
तहसील संवाददाता मनकापुर ***
अमर चंद्र कसौधन***

** श्री बांनगढ़ मन्दिर में आयोजित देवी पुजनोत्सव मे शामिल हुई मनकापुर बाजार की सैकड़ों महिलाएं **

जेडी न्यूज़ विजन उत्तर प्रदेश गोंडा।
तहसील संवाददाता मनकापुर ।
अमर चंद्र कसौधन।

** श्री बांनगढ़ मन्दिर में आयोजित देवी पुजनोत्सव मे शामिल हुई मनकापुर बाजार की सैकड़ों महिलाएं **

मनकापुर गोंडा। स्थानीय श्री बान गढ़ देवी मंदिर में आयोजित देवी पूजनोत्सव (बड़का पूजा) कार्यक्रम में बाजार की सैकड़ों नगर- वधुओं ने माँ भगवती के श्री चरणों में मत्था टेका। पूजन अर्चन पश्चात देवी गीत गाती हुई मंदिर के मुख्य द्वार पर छाँकी चढ़ाई।

पखवाड़े भर तक चलने वाले देवी पूजन उत्सव (बड़का पूजा) कार्यक्रम का आयोजन सोमवार से कस्बे के मध्य स्थित प्रसिद्ध श्री बान गढ़ देवी मंदिर प्रांगण में शुरू हो गया है ।

हर तीसरे वर्ष आयोजित होने वाले इस देवी पूजन उत्सव में मनकापुर बाजार की सैकड़ों नगर – बधुएं शामिल होकर मइया बान गढ़ वाली के श्री चरणों में मत्था टेक कर पूजन – अर्चन के साथ मां भगवती की आराधना की ।

और परिवार की खुशहाली व सुख समृद्धि की कामना करते हुए एक स्वर में देवी गीत गाते हुए मंदिर के मुख्य द्वार पर छॉकी चढ़ाई।

इस दौरान नगर बधुओ ने मइया बानगढ़ वाली की जय, रुदवा पुर सम्मय महारानी की जय, वैष्णो महारानी की जय के गगन भेदी जयकारे से नगर का बातावरण भक्ति मय हो गया।

देवी पूजन उत्सव बड़का पूजा के दौरान नगर की मात्राएं एवं बहनों व नगर बधुओं द्वारा माता रानी को रिझाने व प्रसन्न करने के लिए देवी पूजन – अर्चन के साथ देवी गीत गाते हुए विभिन्न पकवानों का भोग लगाती है।

पखवाड़े भर तक मंदिर प्रांगण में चलने वाले इस देवी पूजनोंत्सव (बड़का पूजा) कार्यक्रम के दौरान ढाई दिक्स छॉकी चढ़ाना । बसिओंधा चढ़ाना , रंगों से देव फगुआ खेलना, ढाई दिवस तक बाजार से गांव तक जाकर फूल लोढ़ना, शायर माता की कढ़ाई , शीतला माता की कढ़ाई, सत्तू चढ़ाना, तथा लिट्टी – चोखा, का भोग माता के श्री चरणों में चढ़ाकर परिजनों के साथ प्रसाद ग्रहण करना,

नगर से 3 किलोमीटर दूर देवी गीत गाते हुए नंगे पांव पैदल चलकर पवित्र मनवर नदी का जल भरकर मां भवानी का जलाभिषेक करती है। ढाई दिवस बाजार से लेकर गांव तक जाकर भीख मांगना, तथा अगले दिन माता रानी की छोटी कढ़ाई तथा दूसरे दिन बड़ी कढ़ाई चढ़ाती है।

देवी पूजन कार्यक्रम के अंतिम दिवस सभी महिलाएं/ नगर बधुएं व बच्चो की टोलियों द्वारा .बाजार के विभिन्न मोहल्लों में बाजार लूटने का कार्यक्रम संपन्न होगा ।
सायंकाल को महिलाओं द्वारा बगिया भागने का कार्यक्रम प्रस्तावित है।

देवी पूजन के आखिरी दिन मंदिर प्रांगण में ढोल- नगाड़े के बीच माता रानी की बधाई बजाई जाती है । जिसमें पूजन करने वाली महिलाएं शामिल होकर मां भगवती की स्तुति करती हुई आरती उतार कर माता रानी के जयकारे लगाती हैं।

साय काल मां भगवती चरणों में रथ, झूला, बकरी बच्चा (मेमना) व छौना को देवी – पूजन के नाम पर छड़ुवा छोड़ा जाता है ।

तत्पश्चात गाजे-बजे के साथ बधाई बजाने वालों के साथ मंगल बाल्मीकि, पुजारी राम कुबेर (भंडारी) ,माता रानी की सेवादारिन (नगाइन) समेत दर्जनों लोग नगर के चारों कोनों पर (देवी पताका ) लगाकर स्थान को बांध दिया जाता है ।

ऐसी मान्यता है कि देवी पूजनोत्सव संपन्न होने पर 3 वर्ष तक कोई देवीय आपदा ,व बुरी (आसुरी शक्तियाँ ) नगर में प्रवेश नहीं कर सकती । नगर की देवी मइया बानगढ़ वाली सभी बाजार वासियों की रक्षा करती है ।

मनकापुर गोंडा। स्थानीय श्री बान गढ़ देवी मंदिर में आयोजित देवी पूजनोत्सव (बड़का पूजा) कार्यक्रम में बाजार की सैकड़ों नगर- वधुओं ने माँ भगवती के श्री चरणों में मत्था टेका। पूजन अर्चन पश्चात देवी गीत गाती हुई मंदिर के मुख्य द्वार पर छाँकी चढ़ाई।

पखवाड़े भर तक चलने वाले देवी पूजन उत्सव (बड़का पूजा) कार्यक्रम का आयोजन सोमवार से कस्बे के मध्य स्थित प्रसिद्ध श्री बान गढ़ देवी मंदिर प्रांगण में शुरू हो गया है ।

हर तीसरे वर्ष आयोजित होने वाले इस देवी पूजन उत्सव में मनकापुर बाजार की सैकड़ों नगर – बधुएं शामिल होकर मइया बान गढ़ वाली के श्री चरणों में मत्था टेक कर पूजन – अर्चन के साथ मां भगवती की आराधना की ।

और परिवार की खुशहाली व सुख समृद्धि की कामना करते हुए एक स्वर में देवी गीत गाते हुए मंदिर के मुख्य द्वार पर छॉकी चढ़ाई।

इस दौरान नगर बधुओ ने मइया बानगढ़ वाली की जय, रुदवा पुर सम्मय महारानी की जय, वैष्णो महारानी की जय के गगन भेदी जयकारे से नगर का बातावरण भक्ति मय हो गया।

देवी पूजन उत्सव बड़का पूजा के दौरान नगर की मात्राएं एवं बहनों व नगर बधुओं द्वारा माता रानी को रिझाने व प्रसन्न करने के लिए देवी पूजन – अर्चन के साथ देवी गीत गाते हुए विभिन्न पकवानों का भोग लगाती है।

पखवाड़े भर तक मंदिर प्रांगण में चलने वाले इस देवी पूजनोंत्सव (बड़का पूजा) कार्यक्रम के दौरान ढाई दिक्स छॉकी चढ़ाना । बसिओंधा चढ़ाना , रंगों से देव फगुआ खेलना, ढाई दिवस तक बाजार से गांव तक जाकर फूल लोढ़ना, शायर माता की कढ़ाई , शीतला माता की कढ़ाई, सत्तू चढ़ाना, तथा लिट्टी – चोखा, का भोग माता के श्री चरणों में चढ़ाकर परिजनों के साथ प्रसाद ग्रहण करना,

नगर से 3 किलोमीटर दूर देवी गीत गाते हुए नंगे पांव पैदल चलकर पवित्र मनवर नदी का जल भरकर मां भवानी का जलाभिषेक करती है। ढाई दिवस बाजार से लेकर गांव तक जाकर भीख मांगना, तथा अगले दिन माता रानी की छोटी कढ़ाई तथा दूसरे दिन बड़ी कढ़ाई चढ़ाती है।

देवी पूजन कार्यक्रम के अंतिम दिवस सभी महिलाएं/ नगर बधुएं व बच्चो की टोलियों द्वारा .बाजार के विभिन्न मोहल्लों में बाजार लूटने का कार्यक्रम संपन्न होगा ।
सायंकाल को महिलाओं द्वारा बगिया भागने का कार्यक्रम प्रस्तावित है।

देवी पूजन के आखिरी दिन मंदिर प्रांगण में ढोल- नगाड़े के बीच माता रानी की बधाई बजाई जाती है । जिसमें पूजन करने वाली महिलाएं शामिल होकर मां भगवती की स्तुति करती हुई आरती उतार कर माता रानी के जयकारे लगाती हैं।

साय काल मां भगवती चरणों में रथ, झूला, बकरी बच्चा (मेमना) व छौना को देवी – पूजन के नाम पर छड़ुवा छोड़ा जाता है ।

तत्पश्चात गाजे-बजे के साथ बधाई बजाने वालों के साथ मंगल बाल्मीकि, पुजारी राम कुबेर (भंडारी) ,माता रानी की सेवादारिन (नगाइन) समेत दर्जनों लोग नगर के चारों कोनों पर (देवी पताका ) लगाकर स्थान को बांध दिया जाता है ।

ऐसी मान्यता है कि देवी पूजनोत्सव संपन्न होने पर 3 वर्ष तक कोई देवीय आपदा ,व बुरी (आसुरी शक्तियाँ ) नगर में प्रवेश नहीं कर सकती । नगर की देवी मइया बानगढ़ वाली सभी बाजार वासियों की रक्षा करती है ।

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