(मुन्नू लाल तिवारी)
मोहनलालगंज /लखनऊ क्षेत्र के ग्रामों में बरसात नहीं हो पा रही है जिससे किसानों को धान रोपाई करने में बाधा उत्पन्न हो रही है बादल छाए हुए हैं देखने से प्रतीत होता है कि पानी बरस रहा है लेकिन एक बूंद पानी मिलता नहीं है जिससे किसान दुखी है किसानों की समस्याओं को ना तो ईश्वर सुन रहा है ना ही समाज देखने से प्रतीत होता है किसानों की धन रोपाई संभव नहीं है जिससे किसान अत्यंत दुखदाई समय बिता रहा है अपने-अपने क्षेत्रों के जाके किसान जल की समीक्षा कर रहा है ईश्वर अब पानी दे दे धान की रोपाई हो जावे अनाज की उत्पत्ति हो किसानों की समस्याओं को देखते हुए संभव लग रहा है ईश्वर भी साथ देने को तैयार नहीं है जिससे किसानों की फसल पैदा करने में समस्याएं उत्पन्न हो रहे हैं बगैर धन के बोर हो नहीं सकता बगैर बोर के पानी आ नहीं सकता फसल की पैदावार किसान कर नहीं सकता इससे किसान अपशब्द होकर ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है ईश्वर हमें जल दे दो धन की और धान की फसल की रोपाई कर दूं जिससे अपने परिवार का संचालन कर सकूं बादल छाए हुए हैं बरसात नहीं हो रही है देखने से प्रतीत होता है कि जल अधिक गिरेगा किंतु कब गिरेगा पता नहीं।