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अंतराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस विशेष – अपील – आइए हमसब मिलकर न्यू इंडिया को नशा मुक्त बनाएं : डॉ उमेश शर्मा

***जेडीन्यूज़ विज़न ***

आगरा : : देश को नशा मुक्त बनाने के लिए सरकार कई तरह से प्रयास कर रही है। सरकार के द्वारा किए गए प्रयास सराहनीय है, लेकिन हर देशवासी को इस नशा मुक्ति के प्रति खुद में और अपने आसपास के लोगों में जागरूकता फैलाना और सरकार नशा मुक्ति अभियान के तहत सहायता करना बहुत जरूरी है। हम सब मिलकर एक दिन देश को नशा मुक्त देश बना सकते हैं।

अपराध निरोधक समिति उप्र लखनऊ के चेयरमेन एवं वरिष्ठ समाजसेवी श्री डॉ उमेश शर्मा ने अंतराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर बताया कि नशा मुक्त के लिए सरकार के द्वारा भी कई प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं। उसके बावजूद भी नशा करना आम बात हो गया है। हमारे देश का उज्जल भविष्य युवाओं पर टिका होता है। लेकिन आजकल कुछ युवाओं के लिए नशा एक फैशन बन गया है। यह उनके लिए अमृत के समान बन चुका है और यह जहर बिल्कुल हवा के भांति फैल रहा है। कुछ लोग नशे को अपनी शान समझते है। नशे के बगैर उनकी पार्टी अधूरी है। अगर देश की युवा पीढ़ी ही गलत रास्ते में जाने लगे तो निश्चित ही उनका भविष्य अंधकार में चला जाता है। कई सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करना मना होता है, मगर कुछ लोग किसी की सुनते नहीं है। उनको सिर्फ अपने मन की करनी होती है। यह सब करने में उनको एक अलग ही आनंद की प्राप्ति होती है। कई लोग नशे को सिर्फ शौक समझकर शुरू करते हैं और बाद में उनको नशे की लत लग जाती है। कई लोग अपनी मानसिक चिंता को दूर करने के लिए नशे का सेवन करते हैं और कई लोग दूसरे लोगों को देखकर उनके पीछे-पीछे नशे का सेवन करना शुरू कर देते हैं। कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि नशा करने से उनकी मानसिक चिंता दूर हो जाती है और मनुष्य चिंता मुक्त होकर समय व्यतीत कर सकता है। इस तरह से आज नयी पीढ़ी नशे की दलदल में फंसती जा रही है।

श्री शर्मा ने बताया कि अक्सर देखा जाता हैं कि इसका सबसे ज्यादा प्रभाव छोटे बच्चों पर पड़ता है। उनको भी इस प्रकार की शिक्षा मिलती है और भविष्य में उनको भी दोस्तों से ऐसी ही संगत मिलना शुरू होती है, जिसकी वजह से वे नशे की लत में पड़ जाते हैं। नशे के माध्यम से लोग अपना मानसिक संतुलन खो देते हैं और नशे की हालत में पारिवारिक झगड़ों को अंजाम दिया जाता है। नशे का सेवन करके वाहन चलाने वाले लोग अक्सर दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं और ऐसे में कई बेकसूर लोगों की जान चली जाती है। शुरुआती दौर में नशे से छुटकारा पाना आसान है, लेकिन जब नशे के सेवन को करते हुए काफी साल हो जाते हैं तो उसे छोड़ना काफी मुश्किल होता है। लेकिन उनको यह नहीं पता है कि यह उनके लिए कितना हानिकारक और जानलेबा सिद्ध हो सकता है और यह नशे की बुरी लत व्यक्ति के परिवार को और व्यक्ति को खुद को पूरी तरह से बर्बाद कर देती है। नशे से होने वाले दुष्परिणाम बहुत ही ज्यादा हानिकारक होते हैं। नशा आपके हँसते खेलते जीवन को तहस नहस कर के रख देता है। इसलिए हमें नशे जैसी चीज़ को एक शौक के रूप में भी प्रयोग नही करना चाहिए। हमें जितना हो सके इससे दूर ही रहना चाहिए और ज्यादातर युवाओं को जागरूक करना चाहिए। अगर हमें एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करना है तो हमे नशे जैसी चीज को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए। इसलिए अंतराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस पर हमारी सभी से विनम्र अपील हैं कि लोगों में जागरूक कर आइए हमसब मिलकर न्यू इंडिया को नशा मुक्त बनाएं।

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