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सर्व समाज के ग़रीब बच्चों को पुस्तके भेंट कर सादगीं से “ज्ञान दिवस” के रूप में मनायी बाबा साहेब की जयंती ***

***जेडीन्यूज़ विज़न***

आग्रह – सर्व समाज के गरीब बच्चों को दान करें किताबें : पूर्व ज़िलाजज आरडी निमेष०००

स्वयं भी शिक्षित और क़ाबिल बने और ग़रीब के बच्चों को भी शिक्षित बनाएं : समाजसेविका श्रीमती कांता रानी निमेष०००

आगरा। विश्वरत्न डॉ भीम राव अम्बेडकर के जन्मोत्सव पर पूर्व जिला जज साहब ने सर्व समाज के आर्थिक रुप से कमजोर और जरूरतमंद ग़रीब बच्चों को पुस्तके, मिष्ठान और वस्त्र भेंटकर बाबा साहेब की 132वीं जयंती को ज्ञान दिवस के रूप में बहुत ही सादगीं से मनाया।

माननीय पूर्व ज़िलाजज श्री आरडी निमेष साहब ने सभी देशवाशियों को बाबा साहेब की जयंती की शुभकामनाएं व्यक्त करते हुऐ बताया कि संविधान जीवन का माध्यम है, कागज़ों का पुलिंदा नहीं है। संविधान में सभी को समानता प्रदान की गई है। डॉ अंबेडकर जी ने विश्व के अच्छे से अच्छे विचारों को अपने संविधान में रखा। बाबा साहेब के संविधान की वजह से अब लोग खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं तथा छोटे बड़े सभी सम्मान पूर्वक रहते हैं। हमें कभी नहीं भूलना चाहिये कि ये सब बाबा साहेब की देन हैं। उन्होंने अपने विचारों से लोगों को सशक्त बनाया हैं। डॉ अंबेडकर जी की जो सोच थी, वह सबके प्रति समान थी। वे मानते थे कि आज समाज में एकता तभी आ सकती है, जब सभी के प्रति प्रेम और बंधुत्व का भाव रखा जाए और कमजोरों एवं जरूरतमंदों की सहायता की जाए। डॉ अंबेडकर जी के विचारों के अनुरूप हम लोग समाज सेवा का व्रत लें और देश को डॉ अंबेडकर जी की सोच के अनुरूप बनाएं क्योंकि हम और आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते लेकिन सकारात्मक सोच से अपनी आदतें जरूर बदल सकते हैं, और देखना एक दिन आपकी अच्छी आदतें आपका भविष्य बदल देंगी। शर्त सिर्फ़ इतनी भर हैं कि हम अपना काम पूरी लगन और ईमानदारी के साथ बफादारी से करते रहें। ध्यान रहें आप का काम ही आप का बेहतर भविष्य बनाता हैं और आप तरक़्क़ी करते चले जाते हैं। इसलिए सभी लोगों से आग्रह हैं कि बाबा साहेब डॉ बी आर अम्बेडकर जी की जयंती को ज्ञान दिवस के रूप में मनाते हुये देशहित में सर्व समाज के आर्थिक रुप से कमजोर और जरूरतमंदों ग़रीब बच्चों को किताबें दान करें और देश व समाज की उन्नयन एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में हम सभी एक साथ मिलकर योगदान दें।

इसी क्रम में वरिष्ठ समाजसेविका श्रीमती कांता रानी निमेष ने आगे बताया कि बाबा साहब सभी को पढ़ने के लिए सदैव प्रेरित करते थे। क्योंकि पुस्तकों से हमे ज्ञान और शिक्षा मिलती है और पढ़ना सब का अधिकार है, दुनिया को पढ़ों और काबिल बनो, किताबें पढ़ों क्योंकि साक्षरता जीवन बदल देती हैं। किताबों की यही तो ख़ास बात है, वे आपको आपके पैर हिलाए बिना यात्रा करा देती हैं। किताबों से हमे हमारे जीवन से जुडी ज्ञान की बाते जानने और सीखने को मिलती हैं। आप सकारात्मक किताबें पढ़े क्योंकि किताब जैसा वफादार कोई दोस्त नहीं होता। पुस्तकों में वो ताक़त होती हैं जो हमारे अंधकाररुपी जीवन में उजाला भर सकती हैं। पुस्तकों में ज्ञान का भंडार होता हैं। इसलिए स्वयं भी शिक्षित और क़ाबिल बने और ग़रीब के बच्चों को भी शिक्षित बनाएं। आइए देश व समाज की उन्नयन एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में हम सभी एक साथ मिलकर योगदान दें। बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर जी की जन्म जयंती पर सर्व समाज के गरीब बच्चों को किताबे भेटकर मदद करने का ये संकल्प बाबा साहेब को सच्ची श्रद्धांजलि है।

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