***जेडीन्यूज़ विज़न ***
सफलता की कुंजी क्या है, चाहे वह सांसारिक हो या आध्यात्मिक? बकरीद के पवित्र अवसर पर, भगवान हमें प्रेमपूर्वक उन छह गुणों की याद दिलाते हैं जिन्हें हमें विकसित करना चाहिए।_
जहां उत्साह, दृढ़ संकल्प, साहस, बुद्धि, योग्यता और वीरता के छह गुण मौजूद हैं, वहां ईश्वरीय सहायता प्रकट होती है।
प्रेम के प्रतीक! किसी भी क्षेत्र में, किसी भी समय, किसी भी व्यक्ति के लिए जो इन सभी छह अनमोल गुणों से संपन्न है, सफलता निश्चित है। ये गुण मनुष्य की सर्वांगीण समृद्धि में योगदान देते हैं। इन छह गुणों से सारी सफलता मिलती है।
हालाँकि, इन गुणों को समय-समय पर विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जिस प्रकार एक विद्यार्थी को विभिन्न परीक्षाओं का सामना करना पड़ता है, उसी प्रकार उसके इन गुणों की भी परीक्षा होती है। ऐसे परीक्षणों को किसी की उच्च उपलब्धियों की ओर पहला कदम माना जाना चाहिए। ये परीक्षाएं हानि, परेशानी, पीड़ा, पीड़ा और दुर्भाग्य के रूप में होती हैं। इन समस्याओं को साहस और आत्मविश्वास से पार करके आगे बढ़ना होगा।
विशेषकर विद्यार्थियों को आत्मविश्वास विकसित करना होगा। आत्मविश्वास के बिना छह गुण प्राप्त नहीं किये जा सकते। वस्तुतः आत्मविश्वास हर व्यक्ति की प्राणवायु होना चाहिए।
भगवान श्री सत्य साईं बाबा जी द्वारा दिव्य प्रवचन