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एमिटी विश्वविद्यालय में हर्बल प्रौद्योगिकी पर वार्ता का आयोजन ***

*** जेडीन्यूज़ विज़न***

लखनऊ, 13 अप्रैल : :एमिटी यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश, लखनऊ कैंपस के तत्वावधान में एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी (एआईपी) के सेंटर ऑफ वीयूसीए स्टडीज के सहयोग से ‘करेंट सेनेरियो ऑन हर्बल टेक्नोलॉजी’ पर एक सीएक्सओ वार्ता का आयोजन कियागया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि, सुश्री स्तुति लाल, संस्थापक बिकल्प हर्बल्स प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ, ने शिरकत की और विषय पर अपने विचार विद्यार्थियों के साथ साझा किया। उन्होने हर्बल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रही नवीनतम और प्रमुख प्रगति पर भीचर्चा की।
कार्यक्रम में विंग कमांडर डॉ. अनिल कुमार, डिप्टी प्रो वाइस चांसलर, एमिटी यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश, लखनऊ सत्र अध्यक्ष के रूप में शामिल हुए और प्रो. (डॉ.) अनुराधा मिश्रा, निदेशक, एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, एमिटी यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश, लखनऊ सदस्य के रूप में शामिल हुईं।
प्रो. (डॉ.) मनोज जोशी, निदेशक सेंटर फॉर वीयूसीए स्टडीज, एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ ने चर्चा का संचालन किया। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन डॉ. निमिशा, एसोसिएट प्रोफेसर, एआईपी द्वारा किया गया था, और कार्यक्रम का समापन डॉ. जीशान फातिमा, एसोसिएट प्रोफेसर, एआईपी द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
विंग कमांडर डॉ. अनिल कुमार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज हर्बल औषधियों के प्रति लोग जागरूक हुए है। इस क्षेत्र में अनेकों स्आर्टअप आरम्भ हुए है जो कि अपने उत्पादों से लोगों का भरोसा जीत रहे हैं। उन्होने कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन की आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए केवल सरकारों का प्रयास ही नहीं बल्कि हम सभी को यह जिम्मेदारी लेनी होगी
सुश्री स्तुति लाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए हुए कहा कि आज ज्यादातर बीमारियां तनाव जनित रोग हैं जिनका उपचार और रोकथाम हर्बल औषधियों और जड़ी-बूटियों से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड काल के बाद कई लोगों ने तनाव जनित शुगर, बीपी और अन्य समस्याओं की शिकायत की है। हर्बल दवाओं ने उन समस्याओं का इलाज करने में बहुत अच्छा प्रर्दशन किया। उन्होंने कहा कि हर्बल दवाओं को सबसे अधिक उपयोगी बनाने के लिए हर्बल उद्योग को और अधिक समर्थन की जरूरत है।
इस कार्यक्रम में एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी के लगभग 80 छात्रों और सभी संकाय सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. लुसी महापात्रा, एसोसिएट प्रोफेसर, एआईपी ने किया। इस इंटरैक्टिव सत्र ने छात्रों और संकाय के बीच अपने अनुभवों को साझा करने के लिए मंच प्रदान किया और उन्हें हर्बल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उद्यमिता के नए क्षितिज तलाशने में सक्षम बनाया।

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