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अयोध्या: : सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है कि अयोध्या और इसके आसपास के क्षेत्रों में भू माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे और खरीद-फरोख्त का सिलसिला तेजी से जारी है। यह गतिविधियां न केवल जनता को गुमराह कर रही हैं, बल्कि हर वर्ष राज्य सरकार को कई करोड़ रुपये का नुकसान भी पहुंचा रही हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी: अवैध कब्जे और भ्रष्टाचार का खेल
सूत्रों के अनुसार, प्रभु श्रीराम मंदिर के फैसले के बाद से सरकारी जमीनों पर कब्जे और उनकी अवैध बिक्री का कार्य बड़े स्तर पर शुरू हो गया है। भू माफिया इन जमीनों को बेचकर अपनी जेबें भर रहे हैं, जबकि भ्रष्ट अधिकारी और बाबू अपनी हिस्सेदारी लेकर मौन साध लेते हैं। सूत्र बताते हैं कि इस सांठगांठ का सबसे बड़ा खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है, जो अपनी जिंदगी की पूरी जमा-पूंजी ऐसी जमीनों पर खर्च कर देती है, जो बाद में अवैध घोषित हो जाती है।
सूत्र बताते हैं: जनता को उठाना पड़ रहा है नुकसान
सूत्रों के हवाले से यह पता चला है कि भू माफिया जमीन बेचने के बाद निकल जाते हैं, और भ्रष्ट अधिकारी आंख मूंदकर अपने हिस्से का फायदा उठा लेते हैं। लेकिन जब इन अवैध कब्जों पर प्रशासन की कार्रवाई होती है, तो प्रभावित केवल आम जनता होती है। कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने और कानूनी लड़ाई लड़ने की पूरी जिम्मेदारी जनता पर आ जाती है।
हर वर्ष करोड़ों का नुकसान: सूत्रों का दावा
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बावजूद प्रशासन इन अवैध कब्जों को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। सरकारी जमीनों की इस लूट के कारण राज्य सरकार को हर वर्ष कई करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। यह समस्या न केवल सरकारी राजस्व को प्रभावित कर रही है, बल्कि जनता के अधिकार और विश्वास को भी चोट पहुंचा रही है।
सूत्रों की पक्की जानकारी: दोषियों पर होगी कार्रवाई
सूत्रों ने यह भी खुलासा किया है कि इस अवैध कब्जे के खेल में बाबू, लेखपाल और कई उच्च अधिकारी शामिल हैं। कुछ साक्ष्य यह संकेत देते हैं कि यदि निष्पक्ष जांच हो, तो इन लोगों की साजिश बेनकाब हो सकती है और दोषियों को जेल जाना पड़ेगा।
पर्याप्त सबूत जल्द होंगे प्रस्तुत: सूत्रों का दावा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जमीन की हेरफेर और अवैध कब्जे से जुड़े कई ठोस सबूत जुटाए गए हैं। ये सबूत जल्द ही राज्य और केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे। सूत्र बताते हैं कि इन दस्तावेजों से यह साफ हो जाएगा कि भू माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों की सांठगांठ से हर वर्ष सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
सूत्रों की माने तो: समाज और सरकार के लिए चिंता का विषय
सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आई है कि यह मामला केवल आर्थिक नुकसान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोकतांत्रिक और सामाजिक मूल्यों का भी हनन कर रहा है। जनता को इस मुद्दे पर सतर्क रहने और जागरूकता दिखाने की आवश्यकता है।