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क्वीन मेरी चिकित्सालय में आश्रय पालना का उप मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण ***

***जेडीन्यूज़ विज़न ***
लखनऊ : :  उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बुधवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्वीन मेरी चिकित्सालय के द्वार पर स्थापित आश्रय पालना का लोकार्पण किया। इस आश्रय पालना के स्थापित हो जाने से अनचाहे नवजात शिशुओं का पुनर्वास हो सकेगा।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा की आश्रय पालना स्थलों के माध्यम से हर अनचाहे नवजात शिशु को जीने का अधिकार प्राप्त हो सकेगा। साथ ही इच्छुक दंपति इन मासूम को विधि अनुरूप गोद ले कर अपना परिवार पूरा कर सकेंगे। जिससे इन्हे स्वस्थ, सुरक्षित एवं खुशनुमा माहौल में स्नेह व सम्मान के साथ विकसित होने का अवसर प्राप्त हो सकेगा और अच्छी परवरिश से आने वाले कल यह मासूम समाज एवं राष्ट्र के लिए अमूल्य संपत्ति बन सकेंगे।
ब्रजेश पाठक ने आम जन से आह्वाहन किया की किसी भी परिवार में किसी भी कारण वश कोई अनचाही संतान जन्म लेती हैं तो उसे मारे नहीं या इधर उधर नही फेंकें। अपनी पहचान बताए बिना उसे इस आश्रय पालना स्थल में छोड़ जाए। उन्होंने कहां की आप निश्चिंत रहे आपकि पहचान गुप्त रखी जायेगी और आपके विरुद्ध कोई भी कानूनी कार्यवाही नही की जायेगी।
उत्तर प्रदेश बाल आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने बताया की अनचाहे नवजात शिशुओं के लिए उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा राज्य के सात जनपद मुख्यालयों जिसमें लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, आगरा, मेरठ, झांसी, और कानपुर राजकीय मेडिकल कॉलेजो के चिकित्सालयों में आश्रय पालना स्थल के स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई है।
चिकित्सा विश्वविद्यालय की कुलसचिव रेखा एस. चौहान ने बताया कि पालना स्थल में शिशु को छोड़ने के 2 मिनिट पश्चात चिकित्सालय के पीआरओ कक्ष में अपने आप घंटी बजेगी। इस दो मिनट के समय में छोड़ने वाला व्यक्ति आसानी से सुरक्षित रूप से वहां से जा सकेगा और इससे उसकी पहचान भी गोपनीय बनी रहेगी।
प्रसूति एवम् स्त्री रोग विभाग अध्यक्ष डॉ एस. पी. जैसवार ने बताया की आश्रय पालना स्थल की चिकित्सालय के पीआरओ कक्ष में घंटी बजते ही चिकित्साकर्मी द्वारा आश्रय पालना स्थल से शिशु को तत्काल प्राप्त कर उसकी चिकित्सकीय एवं व्यक्तिक देखभाल यथा उसको दूध पिलाना, साफ सफाई करना, स्वच्छ कपड़े पहनाना आदि की जायेगी तथा शिशु के स्वस्थ होने पर उसे तत्काल नजदीकी राजकीय मान्यता प्राप्त शिशु गृह में भेज दिया जाएगा। जीवन संरक्षण अभियान, महेशाश्रम, मां भगवती विकास संस्थान उदयपुर के संस्थापक संचालक योग गुरु देवेंद्र अग्रवाल ने बताया की आश्रय पालना स्थलों की स्थापना महेशाश्रम, मां भगवती विकास संस्थान, उदयपुर द्वारा अपने जीवन संरक्षण अभियान के तहत की जा रही है। इस अभियान से अब तक सैकड़ों – सैकड़ों मासूम बच्चों का जीवन बचाया जाना संभव हो सका है।
इस अवसर पर उ. प्र. बाल आयोग की सदस्य डॉक्टर शुचिता चतुर्वेदी, अनीता अग्रवाल, निर्मला पाटिल डायरेक्टर चाइल्डलाइन डा. संगीता शर्मा, प्रसूति एवम् स्त्री रोग विभाग डॉ अंजू अग्रवाल सहित चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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