***जेडीन्यूज़ विज़न ***
_हमें एक सच्चे गुरु में कौन से गुण देखने चाहिए? जैसा कि हम पवित्र गुरुपूर्णिमा मनाते हैं, भगवान आज हमें प्रकट और समझाते हैं।_
सच्चा गुरु वही है, जिसमें कोई अहंकार या स्वार्थ न हो और जो शिष्य को अपने स्तर तक उठा सके। भगवा वस्त्र धारण करना, कुछ मंत्रों का उच्चारण करना और कुछ ग्रंथों की व्याख्या करना आजकल कई गुरुओं के लक्षण हैं।
एक सच्चे गुरु के लक्षण हैं विशाल हृदयता, पूर्ण निःस्वार्थता, जीवन में पवित्रता, अधिग्रहण से मुक्ति, ईर्ष्या का अभाव और सभी के प्रति अपने आचरण में समान विचारधारा। गुरु या शिष्य में ईर्ष्या से मुक्ति एक आवश्यक गुण है, क्योंकि ईर्ष्या कई बुराइयों का मूल कारण है।
गुरु की भूमिका शिष्य को ईश्वरीय मार्ग पर ले जाना है। उसे शिष्य को वह सच्चा उद्देश्य सिखाना चाहिए जिसके लिए उसकी प्रत्येक इंद्रिय का उपयोग किया जाना चाहिए – उसकी आंखें, उसकी जीभ और उसके अंग। सभी इंद्रियों का उपयोग ईश्वर की खोज और अनुभव के लिए किया जाना चाहिए। त्यागराज और पोथाना ने अपने गीतों में इसकी सराहना की। दैनिक जीवन में प्रत्येक कार्य को भगवान की भक्ति के कार्य में बदलना चाहिए।
– भगवान श्री सत्य साईं बाबा द्वारा दिव्य प्रवचन